Maa Kali Chalisa | माँ काली चालीसा
Bookmark॥ काली चालीसा दोहा ॥ जय काली जगदम्ब जय, हरनि ओघ अघ पुंज।वास करहु निज दास के, निशदिन हृदय निकुंज॥जयति
Read MoreBookmark॥ काली चालीसा दोहा ॥ जय काली जगदम्ब जय, हरनि ओघ अघ पुंज।वास करहु निज दास के, निशदिन हृदय निकुंज॥जयति
Read MoreBookmark॥ साईं चालीसा चौपाई ॥ पहले साई के चरणों में,अपना शीश नमाऊं मैं।कैसे शिरडी साई आए,सारा हाल सुनाऊं मैं॥ कौन
Read MoreBookmark॥ शीतला चालीसा दोहा॥ जय जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान । होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल
Read MoreBookmark॥ महालक्ष्मी चालीसा दोहा ॥ जय जय श्री महालक्ष्मी, करूँ मात तव ध्यान।सिद्ध काज मम किजिये, निज शिशु सेवक जान॥
Read MoreBookmark॥ सूर्य देव चालीसा दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥
Read MoreBookmark॥ विष्णु चालीसा दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय, सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ, दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ विष्णु
Read MoreBookmark॥ कृष्ण चालीसा दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम।अरुण अधर जनु बिम्बा फल, पिताम्बर शुभ साज॥जय
Read MoreBookmark॥ शनि चालीसा दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥जय जय
Read MoreBookmark॥ नवग्रह चालीसा दोहा ॥ श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥जय जय रवि शशि
Read MoreBookmark॥ गणेश चालीसा दोहा॥ जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल।विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥ ॥ गणेश चालीसा
Read More