Ganesh Ji Ki Aarti | Shendur Lal Chadhayo
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहरको॥
हाथ लिये गुडलड्डू साई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पदको॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
अष्टी सिद्धी दासी संकटको बैरी।
विघ्नविनाशन मंगलमूरत अधिकाई॥
कोटीसुरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झुले शशिबहारी॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
भावभगतिसे कोई शारणागत आवे।
संतति संपति सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भवे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥