Govardhan Mantra | गोवर्धन मंत्र
गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जिसमें भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा का स्मरण किया जाता है। भक्त अन्नकूट चढ़ाते हैं, गायों की पूजा करते हैं, और गोवर्धन पर्वत के प्रतीक रूप में छोटे पहाड़ बनाते हैं।
गोवर्धन पूजा मंत्र लाभ
गोवर्धन मंत्र का जाप करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है। यह मंत्र भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने में सहायक है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। इस मंत्र के नियमित जाप से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का संचार होता है। इसके अलावा, यह भक्तों की आस्था को मजबूत करता है, बाधाओं को दूर करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
गोवर्धन पूजा मंत्र
“गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक। विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।”
श्री कृष्ण का शक्तिशाली मंत्र
“श्री कृष्णाय वयं नुम: सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे। तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।। ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”