छठ पूजा मंत्र
छठ पूजा एक प्राचीन हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है। इसे मुख्यतः बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देव के प्रति आभार व्यक्त करने और स्वास्थ्य, समृद्धि और उन्नति की कामना के लिए मनाया जाता है। छठ पूजा में व्रत रखना, नदी या जलाशय में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देना, और उगते व डूबते सूर्य की पूजा करना शामिल है, क्योंकि ये समय विशेष रूप से शक्तिशाली माने जाते हैं।
छठ पूजा के प्रमुख मंत्र और उनका अर्थ
- “ॐ आदित्याय नमः”
- अर्थ: यह सूर्य देव को समर्पित एक प्रणाम मंत्र है, जिसका अर्थ है, “मैं सूर्य देव को नमन करता हूँ।”
- महत्व: सूर्य ऊर्जा, प्रकाश और जीवन का स्रोत माने जाते हैं। इस मंत्र के माध्यम से सूर्य के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त किया जाता है, जो धरती पर जीवन बनाए रखते हैं।
- “ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः”
- अर्थ: यह सूर्य देव को समर्पित एक वैदिक मंत्र है, जिसमें सूर्य देव के बीज मंत्र (ह्रां, ह्रीं, ह्रौं) शामिल हैं।
- महत्व: इस मंत्र का जाप करने से सकारात्मकता, शक्ति और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। यह मंत्र सूर्य की ऊर्जा को आह्वान कर साधक के मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है।
- “ॐ सूर्याय नमः”
- अर्थ: “मैं सूर्य देव को प्रणाम करता हूँ।”
- महत्व: यह मंत्र अक्सर सूर्य नमस्कार या छठ पूजा के समय बोला जाता है। यह मंत्र सूर्य को प्रकाश और सकारात्मकता के स्रोत के रूप में आत्मा का सम्मान करता है।
- “ॐ घृणि सूर्याय नमः”
- अर्थ: “मैं उस ज्योतिमान और महान सूर्य को नमन करता हूँ।”
- महत्व: इस मंत्र में सूर्य के तेज और महानता को दर्शाया गया है। इसका जाप करने से ह्रदय और मन को शुद्धता मिलती है और साधक के जीवन में एकाग्रता और स्पष्टता आती है।
छठ पूजा का महत्व
- आध्यात्मिक शुद्धता और पवित्रता: छठ पूजा की सभी विधियों में पवित्रता और अनुशासन का पालन करना आवश्यक है। यह पवित्रता और अनुशासन का प्रतीक है, जिसमें पवित्र जल में स्नान, स्वच्छ वस्त्र पहनना और व्रत करना शामिल है।
- आभार और भक्ति: छठ पूजा एक धन्यवाद पर्व है, जिसमें भक्त सूर्य देव को जीवन, प्रकाश और ऊष्मा प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त करते हैं। यह पूजा विनम्रता और भक्ति को प्रकट करती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: उपवास और सुबह की धूप के संपर्क में आना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि उगते सूर्य की हल्की किरणों में स्नान करने से शरीर को विटामिन डी मिलता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होता है।
- समुदाय और परिवार का एकीकरण: छठ पूजा परिवार और समुदाय को एक साथ जोड़ती है। जलाशयों के पास एकत्र होकर पूजा करने से सामूहिक विश्वास और परंपरा के प्रति एकता और जुड़ाव बढ़ता है।
छठ पूजा के मंत्र और विधियां आभार, आत्म-अनुशासन और प्रकृति के साथ मानवता के पोषक संबंध पर बल देते हैं।